‘पप्पू
पास हो गया’ या ‘कुछ मीठा हो जाए’ सुनते ही दिमाग मे पहली कल्पना क्या आती है। हाँ-हाँ मुझे पता है अमिताभ
बच्चन का ही चित्र उभरता है सर्वप्रथम पर ये लेख उनके बारे मे नहीं उस दूसरे चित्र
के बारे मे है जो अमिताभ जी के बाद उभरता है वो है मेरी,
आपकी, हम सबकी प्राण प्रिय “Chocolate”।
चॉक्लेट के प्रति
हर व्यक्ति की अपनी अलग फंतासी, पसंद या विचार होता
है। किसी के लिए ये ग्लानि दूर करने का माध्यम हो सकता है तो किसी के लिए बस
खुशियाँ मनाने का। बच्चों के लिए ट्रीट तो बुज़ुर्गों के लिए भी प्यार भरा तोहफा। ‘मोहब्बत का इजहार’ हो या ‘दिवाली
का त्योहार’, ‘किसी बच्चे का इनाम’ हो या किसी ‘शादी रिसेप्शन की वो शाम’,’ किसी को दिया हुआ लालच’ या ‘वज़न
बढ़ाने वाली आफत’, सब की एक ही वजह chocolate। ये भी एक नशे की तरह है जो बस खुशी ही खुशी देता है। कुछ के लिए लत तो
कुछ के लिए ये गंभीर व्यापार भी है। वर्ष 2016 तक चॉक्लेट का बाज़ार 98.3 मिल्यन
डॉलर की कीमत तक पहुँच चुका था।
Cadburies, Nestle, Amul, ये प्रमुख नाम
है जिनहे भारतवासी चॉक्लेट के नाम पर जानते हैं। हालांकि अब तो कई अन्य जैसे Bourniville, Schimitten आदि ने भी भारतीय बाज़ार पर अपना कब्जा
जमा लिया है। पर हमेशा हम चॉक्लेट के स्वाद और उसकी ब्राण्ड्स के बारे मे बात करते
है कभी नहीं सोचते की आखिर हमारे मुँह मे मिठास घोल देने वाला ये दिव्य आनंद असल
मे आता कहाँ से है।
तो चलिये आज 7 जुलाई
यानी World Chocolate Day पर जाने उन
देशों के बारे मे और धन्यवाद करे उनका जो हमे ये लाजवाब,
शानदार तोहफा पहुँचाते हैं:
1. Ivory Coast:
ये वो देश है जो
अकेला ही विश्व भर मे पैदा होने वाली सारी चॉक्लेट का 30% हिस्सा देता है। इस देश
मे कोकोआ की कुल फसल का मतलब है 1,448,992 metric tones। Cadburies और Nestle जैसी कंपनियाँ अपना अधिकतर कोकोआ Ivory Coast से ही प्राप्त करती हैं। ये कहना अतिशयोक्ति
नहीं होगी कि कोकोआ का व्यापार अकेला ही इस देश को कुल राजस्व का 2/3 हिस्सा प्राप्त
करा देता है। कमाल की बात ये है कि यहाँ के किसान इतनी चॉक्लेट पैदा करने के बाद
भी कभी उसका स्वाद नहीं चखते। कुछ समय पहले यहाँ के एक किसान का असल मे एक चॉकलेट बार
खाते हुए विडियो वाइरल हुआ था जो कि headline बन गया था
क्यूंकी उसने कभी असल मे कोकोआ का स्वाद नहीं चखा था।
2.
घाना:
“Bourniville- you should earn it to taste it”। ये वाक्य तो सबने पढ़ा और सुना ही होगा। ये
ज़बरदस्त डार्क चॉक्लेट जो हल्की सी कड़वी भी होती है कुछ खास लोगो की पसंद होती है।
खास इसलिए कहा क्यूंकी अधिकतर के लिए चॉक्लेट मतलब मीठा। अभी कुछ समय पहले ही Bournville ने भारतीय बाज़ार मे आमत की है और असल मे ये शानदार और बेहतरीन स्वाद वाली
डार्क चॉक्लेट बनती है ‘घाना’ मे पैदा
हुए कोकोआ से। वहाँ के 3/4 किसान ऐसे हैं जो छोटे-छोटे कोकोआ फार्म्स के मालिक हैं
और कोकोआ पैदा करने पर वहाँ कोई कॉर्पोरेट रोक नहीं है। इसीलिए शायद उस फसल को
बेचने के लिए उन्हे बहुत ज़्यादा कर चुकाने की मार झेलनी पड़ती है और फिर वो कोकोआ
की तस्करी Ivory Coast को करने के लिए
मजबूर हो जाते हैं। क्यूंकी वहाँ उनका कोकोआ 50% अधिक सरलता और अच्छी कीमत से बिक
जाता है।
3.
इंडोनेशिया:
1980 से पहले
इंडोनेशिया मे कोकोआ बिलकुल भी पैदा नहीं होता होता था। पर उसके बाद किसी रॉकेट की
गति से इसकी फसल मे तेजी आई। FAO के अनुसार वर्ष
2013 मे ये 777,500 टन कोकोआ पैदा कर के विश्व का तीसरा सबसे
बड़ा कोकोआ उत्पादक देश बन गया है।
4.
नाइजीरिया:
बढ़ती हुए दाम और
बढ़ती हुई माँग के चलते नाइजीरिया ने अपने कोकोआ उत्पादन मे बढ़ौत्तरी की और 2013-14
मे अपने उत्पादन को 367,000 से 421,300 टन तक पहुंचा लिया। पर अफसोस की बात ये है कि वहाँ के कोकोआ फार्म्स पर
चल रही लिंग असमानता के चलते पुरुषों और स्त्रियॉं को बराबर तनख्वा नहीं दी जाती
और इसी कारण कोकोआ की खेती और देख-रेख पर बुरा असर पड़ रहा है।
5.
कैमरुन:
पश्चिमी अफ्रीका
का ये देश कैमरून 275,000 मीट्रिक टन तक कोकोआ
पैदा करने वाला विश्व का एक और सबसे बड़ा कोकोआ उत्पादक है। हालांकि ख़राब प्रबंधन
के चलते यहाँ का कोकोआ उद्योग खतरे मे है। फसल की देख रेख मे कमी, बूढ़े पेड़ो की गिरती उत्पादन क्षमता , नए पौधों का न
लागया जाना और नए पेड़ों के लिए जगह न होने के चलते कैमरून के किसान जीवन की
जद्दोजहद से गुज़र रहे हैं।
6.
ब्राज़ील:
चाहे जितना कोकोआ
पैदा कर लो पर विश्व को और चाहिये ही चाहिए। हालांकि विश्व मे अनेकानेक लोग ऐसे भी
हैं जिनहे चॉक्लेट पसंद नहीं मगर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और बस चॉक्लेट की माँग मे
बढ़ौत्तरी होती ही जा रही है और ये बात ब्राज़ील जैसे देश पर फिट बैठती है जो 256,186
मीट्रिक टन कोकोआ पैदा कर के भी चॉक्लेट का एक बड़ा आयातक है। मतलब
ये कि एक बड़ा उत्पादक होने के बाद भी वर्ष 1998 से ब्राज़ील के लोग जितनी चॉक्लेट
बनाते नहीं उससे ज़्यादा खुद खा जाते हैं।
इन देशों के
अलावा भी ‘Ecuador’, ‘Mexico’, ‘Peru’ और ‘Dominican Republic’ ऐसे देशों की गिनती मे आते हैं जो कोकोआ का अच्छा उत्पादन करते हैं और दूर-दूर
तक चॉक्लेट का स्वाद पहुँचाते हैं। तो आइये आज खूब सारी चॉक्लेट खरीदे, उन्हे बांटे और फिर एक बड़ी सी चॉक्लेट बार उठा कर खुशी के साथ ज़ोर से
चिल्लाएँ “Happy Wolrd Chocolate Day”। मुझे तो डार्क चॉक्लेट पसंद है और आपको........?
बड़ा ज्ञानवर्धक लेख है यह आपका । लोग चॉकलेट खाते तो हैं लेकिन उसके विषय में इतनी सारी बातें जानते नहीं । हार्दिक आभार एवं अभिनंदन आपका ।
जवाब देंहटाएंजी धन्यवाद
जवाब देंहटाएं