रविवार, 5 अगस्त 2018

मित्रता दिवस विशेष-संसार के कुछ अनोखे मित्र


वैसे तो किसी भी खास काम के लिए कोई खास दिन हो ऐसा ज़रूरी नहीं. पर फिर भी हमने हर खास दिन को खूबसूरती से मनाने के लिए दिन बाँट लिए हैं। अब दोस्ती ही लीजिये प्यार की तरह बस हो जाती है कहीं भी, कैसे भी, किसी से भी. कभी कोई जानबूझ के दोस्त नहीं बनाता होगा। न ही उसके लिए किसी एक खास दिन की ज़रूरत है फिर भी अगस्त माह के पहले रविवार को हमने दोस्ती का दिन बना लिया है। इस दिन हम भुलाए हुए दोस्तों को भी याद कर लेते है और कहते हैं “Happy Friendship Day।”
आइये जानते है संसार के हर छेत्र से कुछ अनोखी दोस्त जोड़ियों के बारे में जिनकी दोस्ती मिसाल रही है:-

1. कृष्ण और द्रौपदी:
हिन्दू धर्म के महा ग्रन्थ “महाभारत” में कई घनिष्ट मित्र और उनकी महानता का वर्णन है। जैसे अर्जुन-कृष्ण, सुयोधन-कर्ण इत्यादि। पर अनेकानेक लोग ये नहीं जानते कि उनमे सबसे उच्च कोटि की मित्रता थी द्रौपदी और कृष्ण की। जी हाँ! पांचाली और केशव मित्र थे भाई-बहन नहीं. पांचाली ने केशव को अपना मित्र माना था, वो उन्हें “सखा” कहती थी, और उनके केशव ने सदा सर्वदा उनसे मित्रता निभाई। कृष्ण के लिए द्रौपदी उनका हृद्यांश थीं। 

2. वाटसन एंड क्रिक:
जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक उन दो महान वैज्ञानिकों के नाम हैं जिन्होंने सन 1950 में DNA संरचना की खोज की। दोनों ही बेहतरीन दोस्त थे। उनकी दोस्ती एक बड़ी खोज के रूप में विज्ञानं के छेत्र में परिवर्तन लेके आयी।

3. नरेन्द्र मोदी और अमित शाह:
आज की राजनीती में ये दो नाम एक दूसरे से ऐसे घुले मिले हैं जैसे दूध में शक्कर। नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की दोस्ती के चर्चे पूरे देश में है। दोनों ने एक दूसरे के लिए अपनी मित्रता बराबर निभाई है। संसद में बाकी सब भले ही मोदी जी को “मोदी जी” कह के पुकारते हैं पर अमित शाह उन्हें हमेशा “नरेन्द्र भाई” कह के संबोधित करते हैं।

4. गुलज़ार और आर.डी.बर्मन:
गुलज़ार और आर.डी.बर्मन ने भारतीय फिल्म जगत को जो बेहतरीन गाने और संगीत दिया उसका कोई सानी नहीं। दोनों के साथ ने कुछ बेहतरीन नगमे और ढेरों कर्णप्रिय गानों को जन्म दिया। “खाली हाथ शाम आई है”, “कतरा-कतरा”, “लकड़ी की काठी”, “मुसाफिर हूँ यारों”, पिया बावरी”, “आजकल पाओं ज़मीन पर” और अनगिनत हीरे जवाहरात जैसे नगमे इन दो दोस्तों के कारण ही हमारे पास है और हमारे मन को प्रफ्फुल्लित करते हैं। उनके साथ का वो समय भारतीय फिल्म जगत का सुनहरा युग था।

5. हेलेन केलर और मार्क ट्वेन:
हेलेन केलर, के बारे में हम सब जानते हैं वो एक लेखक और राजनीतिक कार्यकर्ता थी। उन्होंने अपने अंधे और बहरेपन पर जिस तरह विजय पाई थी वो बाकि अन्यों के लिए प्रेरणा बन कर एक राष्ट्रीय नायक बन गयी थी। हेलेन जब मार्क से प्रथम बार मिली तो वे मात्र 14 वर्ष की थी और मार्क की आयु 50 वर्ष के आस पास थी। उनकी मित्रता असंभव सी प्रतीत होती थी। पर हेलेन के जीवन में ट्वेन ने चमत्कारिक परिवर्तन उत्पन्न किया। उन्हें अंधे और बहरेपन के गहरे कुंए से बाहर निकाल कर नया जीवन प्रदान किया। मार्क उन्हें अपने होंठो पे ऊँगली रख के शब्दों का उच्चारण सिखाते थे। मार्क ने अपने जीवन के अनेकों वर्ष हेलेन को पढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने में लगा दिए।

6. जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल:
जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को भारत के राजनीतिक आधार में एक अहम जोड़ी  के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि नेहरू और पटेल यदि साथ नहीं होते तो कई प्रमुख मुद्दों को हल करने में सक्षम नहीं होते। जिस समय भारत को एक गणराज्य के रूप में स्थापित करने की सबसे अधिक आवश्यकता थी उस समय इस प्रसिद्ध राजनीतिक जोड़ी ने भारत को एक सकारात्मक दिशा प्रदान की। हालांकि आज के रजीनीतिक और सामाजिक परिवेश ने उनकी मित्रता को एक विलग अंदाज़ में प्रस्तुत किया जा रहा है। असल में लोग उनके बीच के सम्बन्धों से परिचित ही नहीं हैं।

7. लियोनार्डो-डि-कैपिरियो और केट विंसलेट:
टाइटैनिक हमेशा एक प्रतिष्ठित फिल्म रहेगी। जैक और रोज़ को एक ऐसी प्यारी प्रेम कहानी प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद जिसे आज भी परदे पे देख कर हम सिसक उठते हैं। हालांकि केट और लियो का एक युगल होना दिखाई देता हैं, पर असल में वो उन सबसे अच्छी हॉलीवुड जोड़ियों में से एक हैं जो हमें अपने शुद्ध दोस्ती और प्यार के साथ आश्चर्यचकित किये हुए हैं।

8. चंदबरदाई और पृथ्वीराज चौहान:
चाहे प्रेम की बात हो या श्रृंगार की, वीरता की बात हो या मित्रता की चंदबरदाई और पृथ्वीराज के नाम तो इतिहास में अमिट हैं। इनकी मित्रता के चर्चे और उसकी असीमितता को सबने पढ़ा और सुना है। चंदबरदाई कवी थे और पृथ्वीराज एक वीर योद्धा, परन्तु मित्र ऐसे की अंतिम साँस तक एक दुसरे के लिए मित्रता के मोल चुकाए। दोनों के बीच कितनी अच्छी समझ थी ये हमने मो. गौरी को मारने की कथा से जाना ही है।

9. मोगली और बल्लू:
मोगली और बल्लू भले ही जीवित व्यक्ति न हो पर कार्टून चरित्रों के रूप में इन्होने हमे जो मित्रता का पाठ पढाया है वो हम कभी नहीं भूल सकते। एक इंसानी बच्चा और एक जंगली भालू के बीच का ये आपसी प्रेम और मित्रता की कल्पना सारी सीमाओं के परे है, पर सुखद है।

10. कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगल:
कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंगेल्स को मार्क्सवाद” नामक मार्क्सवादी, क्रांतिकारी, सामाजिक-आर्थिक विचारधारा के संस्थापकों के रूप में माना जाता है। उनका बौद्धिक काम सामाजिक-आर्थिक समस्याओं और मानव प्रकृति और संगठित समाज के भीतर की वैश्विक समझ की दिशा में सक्षम था। इस तरह की समस्याएं उस समय की शासन प्रणालियों में प्रचलित थी। मार्क्स और एंगेल्स की क्रांतिकारी विचारधारा केन्द्रित थी मुख्यतः इस पहलू पर कि लोगों के लिए ज़रूरी था सक्रियता से सामाजिक-आर्थिक प्रणाली को बेहतर बनाना, बजाय इसके कि मौजूदा यथास्थिति को बचाये रखने की कोशिश करना।

11. शंकर जयकिशन:
भारतीय संगीत के संसार में ये दो नाम ‘शंकर सिंह रघुवंशी’ और ‘जयकिशन दयाभाई पांचाल’ किसने नहीं सुने, और कौन ऐसा होगा जो इन्हें नहीं जानता। इस भारतीय जोड़ी ने हिंदी फिल्म उद्योग के लिए सन 1949 से 1971 तक एक साथ काम किया और बेहतरीन संगीत की रचना की। ये दोनों ही अपने शुरुआती दौर में अपनी आजीविका के लिए अलग अलग कार्य किया करते थे पर संगीत और वाद्य यंत्रो की कला से ओत प्रोत दोनों जब मिले तो हिंदी फिल्म जगत को रोशन कर दिया।

1 टिप्पणी:

  1. सुदामा और कृष्ण की दोस्ती I जिसमें सुदामा ने अपनी भूख मिटाने के लिए कृष्ण के हिस्से के भी चने चवा लिए थे जिस को कृष्ण जानते भी थे परन्तु अपने दुर्दिनों में सुदामा कृष्ण के दरवाज़े पर जब पंहुचे तो कृष्ण ने उनका न केवल स्वागत ही किया बल्कि उनकी आर्थिक अवस्था भी सुधार दी Iऐसी थी उनकी मित्रता जिसका आधार केवल प्रेम ही हो सकता है I कृष्ण का लक्ष्य दुनिया जीतना नहीं बल्कि दुनिया को सच बताना था I वोह निष्काम योगी थे Iअपने डरों व पूर्वाग्रहों को किनारे करके खुद को प्रेम और समझ के लिए प्रस्तुत कर देना ही सच्ची मित्रता की परिभाषा है I

    जवाब देंहटाएं