14 अगस्त सन 1947 भारत की आज़ादी से ठीक एक
दिन पहले भारत से ही जन्मा पाकिस्तान एक अलग आज़ाद देश क रूप मे स्थापित हुआ और
उसकी बागडोर संभाली “कायदे-आज़म” ‘मोहम्मद अली जिन्नाह’ ने। आइये जानते हैं जिन्ना और उनके पाकिस्तान से जुड़ी कुछ बातें।
जिन्ना
के पूर्वज थे हिन्दू:
सरोजनी नायडु
द्वारा लिखित जीवनी के अनुसार जिन्ना का जन्म 25 दिसम्बर
1876 को हुआ
था। उनके पिता एक सम्पन्न गुजराती व्यापारी थे परंतु उनके जन्म से पहले ही वे
काठियावाड़ छोड़ के सिंध मे जा कर बस गए थे। ऐसा माना जाता है कि उनके पूर्वज हिन्दू
राजपूत थे जिनहोने इस्लाम धर्म कुबूल कर लिया था।
बीसवीं सदी के प्रमुख राजनीतिज्ञ:
जिन्ना को पाकिस्तान के संस्थापक के रूप मे तो जाना ही जाता है
इसके साथ ही वो मुस्लिम लीग के नेता भी थे जो आगे चल कर पाकिस्तान के पहले गवर्नर
जनरल बने। पाकिस्तान मे उन्हे आधिकारिक तौर पर ‘कायदे-आज़म’ यानि महान नेता
और ‘बाबा-ए-कौम’ यानि राष्ट्र पिता के
नाम से जाना जाता था। भारतीय राजीनीति मे उनका उदय सन 1916 मे काँग्रेस के एक नेता
के रूप मे हुआ था। 1906 मे मुस्लिम लीग की स्थापना होने के बाद हिन्दू-मुस्लिम
एकता पर ज़ोर देते हुए उन्होने लीग ओर काँग्रेस के बीच मे ‘लखनऊ
समझौता’ करवाया।
जिन्ना
के दो प्रेम:
जिन्नाह ने अपने
पूरे जीवन मे दो बार प्रेम किया पहला एक पारसी महिला ‘रुत्ति दिनशा’ से, जिन्होने
उनसे शादी करने के लिए 1918 मे इस्लाम कुबूल किया। उनके प्रेम से उपजी उनकी बेटी ‘दीना’ ने सन 1919 मे 14-15 अगस्त की रात मे
पाकिस्तान की स्थापना से ठीक 28 वर्ष पहले शुक्रवार को जन्म लिया। हालांकि इससे
पहले उनकी शादी 16 साल की उम्र मे उनकी माँ के ज़ोर देने पर ‘एमीबाइ’ से हो चुकी थी। उनकी माँ को डर था कि उनका बेटा इंग्लैंड जा कर किसी
अंग्रेज़ लड़की से शादी कर लेगा। दूसरा प्रेम उन्होने अपने वतन ‘पाकिस्तान’ से किया’।
जिन्ना
और वकालत:
उन्होने अपनी वकालत की पढ़ाई इंग्लैंड मे की। इंग्लैंड
से वापस आने के बाद उन्होने बंबई मे वकालत शुरू की और जल्दी ही उनका नाम मशहूर व
सफल वकीलों मे शामिल हो गया। उस वक़्त वो एक केस लड़ने की फीस Rs.15,000/- लिया करते थे। “कौकस केस” की सफलता से उन्होने बहुत नाम कमाया। उसके बाद
उनकी ख्याति एक मंझे हुए वकील के रूप मे ऊपर उठी ओर सन 1905 मे ‘बाल गंगाधर तिलक’ ने अपने ऊपर चल रहे ‘सिडीशन ट्राइल’ के लिए उन्हे अपने बचाव मे वकील
नियुक्त किया।
मालाबार
मे जिन्ना का घर:
मालाबार हिल बंबई
मे आज भी जिन्ना का घर है जो सन 1936 मे Rs. 2,00,000/- की लागत से बना था। आज उसकी कीमत 400 मिलियन डॉलर है और उस संपत्ति का
विवाद भारत, पाकिस्तानी सरकार और उनकी बेटी दीना के मध्य चल
रहा है।
जिन्ना
की सोच मे पाकिस्तान:
जिन्ना पाकिस्तान
की कल्पना किस तरह करते थे इसमे लोगो के बीच मतभेद है और दो तरह के विचार सामने
आते हैं। एक विचार है कि वो पाकिस्तान को एक धर्मनिरपेक्ष मुल्क बनाना चाहते थे तो
दूसरी तरफ कट्टरपंथी विचार उन्हे कट्टर मुसलमान बताता है और मजहब के नाम पर इस्लामिक
रिपब्लिकन ऑफ पाकिस्तान बनाने के पीछे उनकी कट्टरता का तर्क देता है। हालांकि
पाकिस्तान बनाने के पीछे सिर्फ उनकी सत्ता की भूख थी। 1937 मे उन्होने जब मुस्लिम
लीग के चुनाव लड़े तो उनका आधार था “मुसलमान खतरे में” पर उन्हे करारी हार का सामना
करना पड़ा। उनका अहम इतना बड़ा था कि वो ये हार बर्दाश्त नहीं कर पाये और उन्होने
अपना नारा बदल कर ‘इस्लाम खतरे मे’ कर लिया। जिसके गंभीर परिणाम ‘हिन्दू मुस्लिम दंगों
के रूप मे सामने आए। जिनमे 6000 लोग मारे गए। उस समय जिन्ना ने चेतावनी दी थी कि
“या तो भारत बटेगा या बर्बाद हो जाएगा।“
जिन्ना
की बेटी ने छोड़ा पाकिस्तान:
जिन्ना का उनकी
बेटी दीना से रिश्ता तब बिगड़ गया जब उसने एक भारतीय पारसी ‘नेविल वाडिया’ से शादी करने की इक्षा जताई। पर
जिन्ना इस रिश्ते के लिए तयार नहीं हुए क्यूंकी ‘नेविल’ मुसलमान नहीं था। इसके बाद दीना ने उनकी मर्ज़ी के खिलाफ शादी कर ली ओर
जिन्ना ने अपनी बेटी से अनौपचारिक तौर से सारे रिश्ते तोड़ दिये। तब दीना ने
पाकिस्तान छोड़ दिया और बंबई मे अपने पति के साथ रहने लगी। उसके बाद उनके बीच पत्र व्यवहार
ज़रूर होता रहा पर जिन्ना उन्हें श्रीमति वाडिया लिख कर संबोधित करते थे। दीना उसके
बाद पाकिस्तान सिर्फ अपने पिता जिन्ना की मैयत पर ही गई। हालांकि एक गैर मुसलमान
से शादी करने की वजह से, जो कि इस्लामिक कानून के खिलाफ था
उन्हे अपने पिता की संपत्ति और नाम का कोई हक़ नहीं मिला।
जिन्ना
की कुछ छुपी हुई बातें:
जिन्ना असल मे
सेकुलर माहौल मे पले बढ़े थे और मुस्लिम होते हुए भी उन्होने कभी हज यात्रा नहीं
की। उनकी किसी भी जीवनी मे उनके मस्जिद जा कर नमाज़ पढ़ने या रोज़े रखने का कोई
उल्लेख नहीं मिलता है। उनकी पत्नी उनके लिए पोर्क यानि सूअर का मीट बनाती थी जबकि
यह इस्लाम में हराम होता है। जिन्ना एक चेन स्मोकर हुआ करते थे और दावतों मे शराब भी
पी लिया करते थे।
मज़ार-ए-कायद:
कराची, पाकिस्तान मे कायदे-आज़म की मज़ार है जिसे ‘मज़ार-ए-कायद’ कहते हैं। इसे जिन्ना का मकबरा या राष्ट्रिय मकबरा भी कहा जाता है। इसका नक्शा
मशहूर वास्तुकार ‘याहया मेर्चेंट’ ने
बनाया था। 54 वर्ग मीटर ऊंचे प्लैटफ़ार्म पर बना ये मकबरा सफ़ेद मार्बल का है।
Good information.
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